बेबाक़ी से रच रही हैं इतिहास चालीस पार की औरतें घर और बाज़ारों में खेत खलिहानों से संसद और सिनेमा तक उ... बेबाक़ी से रच रही हैं इतिहास चालीस पार की औरतें घर और बाज़ारों में खेत खलिहानों से...
हमें अतीत और भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान मे रहना चाहिए हमें अतीत और भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान मे रहना चाहिए
जो जैसा व्यवहार करे उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए..! जो जैसा व्यवहार करे उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए..!
क्या मैं लिख भी सकूँगी ? शायद नहीं.... क्या मैं लिख भी सकूँगी ? शायद नहीं....
आपके देखे सारे सपने पूरे होंगे और उसने कर दिखाया था। आपके देखे सारे सपने पूरे होंगे और उसने कर दिखाया था।
शहीद से लिपटा तो तिरंगा भी खून के अश्क़ रो पड़ा'। शहीद से लिपटा तो तिरंगा भी खून के अश्क़ रो पड़ा'।